आर्थिक सहायता पाकर खुश हुई कुमारी माधुरी (खुशियों की दास्तां)
आर्थिक सहायता पाकर खुश हुई कुमारी माधुरी (खुशियों की दास्तां)
-
मुरैना
कैलारस विकासखण्ड के ग्राम कोट सिरथरा निवासी कुमारी माधुरी 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता लेकर खुश हो गई। उसे, उसके पिता अमर सिंह को यह भरोसा नहीं था कि मशीन से हाथ डेमिज हो जाने के बाद भी आर्थिक सहायता का प्रोविजन है।
ग्राम कोट सिरथरा निवासी कुमारी माधुरी के पिता अमर सिंह को यह पता चला कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिये कई योजनायें चलाई है। उनमें ही एक योजना ऐसी है, कि अगर किसानी का काम करते समय मशीन से शरीर का कोई भी अंग को नुकसान होता है तो आर्थिक सहायता मिलती है। इसी मकसद को लेकर अमर सिंह ने अपनी पुत्री के हाथ कट जाने को लेकर आर्थिक सहायता संबंधी आवेदन कलेक्टर को दिया। अमर सिंह ने कलेक्टर को बताया कि मेरी पुत्री का विगत 6 माह पूर्व कुटी काटने वाली मशीन से हाथ डेमिज हो गया, था ईलाज के बाद डॉक्टर को कु. माधुरी का हाथ काटना पड़ा। कलेक्टर ने कु. माधुरी को ढांढस बांधते हुये तत्काल 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का चैक प्रदान किया।
कु. माधुरी का कुटी काटते समय मशीन से हाथ 6 जगह से डेमिज हो गया था। कु. माधुरी को लेकर उसके पिता ने मुरैना शहर के स्पेशलिस्ट हड्डी रोग विशेषज्ञ के यहां ईलाज कराया। किन्तु अन्त में डॉक्टर ने हाथ काटने की सलाह दी। क्योंकि इसके अलावा डॉक्टर के पास भी कोई विकल्प नहीं था, कि हाथ 6 जगह से टूटने के बाद उसको जोड़ा जा सके। डॉक्टर की बात कु. माधुरी के पिता को माननी पड़ी और कु. माधुरी का हाथ कटवाकर उसका ईलाज कराना पड़ा। एक दिन माधुरी के पिता अमर सिंह को गांव के पड़ौसी ने बताया कि आपकी पुत्री के ईलाज में राशि तो बहुत खर्च हुई है, किन्तु कलेक्टर की जनसुनवाई में आप अपनी पुत्री को लेकर जायें, तो कलेक्टर भी आर्थिक सहायता के लिये कुछ सहयोग कर सकतीं हैं। दूसरे दिन मंगलवार को अमर सिंह अपनी पुत्री कु. माधुरी को लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे और उन्होंने आवेदन के माध्यम से सारी कहानी कलेक्टर को बताई। कलेक्टर ने कु. माधुरी के हाथ को देखकर अफसोस किया और कहा कि एक तो पुत्री और उसका भी हाथ कटना दुःख भरा संकेत है। फिर भी कलेक्टर ने तत्काल 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का चैक कु. माधुरी को प्रदान किया। इस दौरान कु. माधुरी के पिता अमर सिंह कहा कि शासन से जो भी मिला वह हमाये सिरमाथे है। कम से कम शासन ने तो भी हमाई बात सुनी, हमें आज 10 हजार रूपये का चैक प्रदान किया।
Comments
Post a Comment