जेलों में कैदियों के लिये भोजन पूर्ण पोष्टिक, गुणवत्ता के साथ करावें - गृह मंत्री
जेलों में कैदियों के लिये भोजन पूर्ण पोष्टिक, गुणवत्ता के साथ करावें - गृह मंत्री
गृह मंत्री ने ग्वालियर सहित चम्बल संभाग की 10 जेलों की समीक्षा की
मुरैना
प्रदेश के गृह, जेल, तकनीकी, शिक्षा और कौशल विकास, लोक सेवा प्रबंधन विभाग मंत्री श्री बाला बच्चन ने गुरूवार को पुलिस कन्ट्रॉल रूम मुरैना में ग्वालियर सहित चम्बल संभाग की 10 जेलों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मंत्री ने समस्त जेल अधीक्षकों को निर्देश दिये कि जेलों में कैदियों के लिये भोजन पूर्ण पोष्टिक एवं गुणवत्ता के साथ करावें। इस कार्य में कोताई बरदास्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों की क्षमता के अनुसार वृद्धि होना है, इसके प्रस्ताव एवं अन्य आवश्यक संसाधन जुटाने का प्रस्ताव मुझे भेंजे। प्रदेश सरकार बहुत जल्द ही जेलों को संसाधन उपलब्ध कराने जा रही है। जिसकी अधिक मांग है। यह निर्देश उन्होंने ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिण्ड, सबलगढ़, विजयपुर, गोहद, अम्बाह, जौरा, लहार के जेल अधीक्षकों को दिये। बैठक में पुलिस मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं मंत्री जी के ओ.एच.डी. श्री राकेश चावला, चम्बल जॉन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री डी.पी.गुप्ता, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री अशोक गोयल, मुरैना पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव, भिण्ड पुलिस अधीक्षक श्री रूडोल्फ अल्वारेस सहित 10 जेलों के अधीक्षक उपस्थित थे।
गृह मंत्री श्री बाला बच्चन ने कहा कि सभी जेलों को वीडिया कॉन्फ्रेंस से जोड़ा गया है। जेलों में प्रहरियों के लिये पर्याप्त मात्रा में आधुनिक हथियार उपलब्ध है। जेलों में सीसी कैमरे भी उपलब्ध कराये जा रहे है। जहां भवन की कमी है। वहां के लिये प्रस्ताव भेजे। उसकों भी प्रदेश सरकार द्वारा मंजूर किया जावेगा और कैदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये चिकित्सक भी रखें गये है। जेल अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि जेल से किसी भी प्रकार से कैदी भागना नहीं चाहिये। उन्होंने कहा कि जेल में बाहरी वस्तुओं का प्रवेश सख्त वर्जित है। कैदियों की डाइट खर्च पर 45 रूपये दिये जाते थे। जिसमें 3 रूपये की बढ़ोत्तरी की गई है। अब यह राशि 48 रूपये हो गई है। कैदियों को भोजन पूर्ण पोष्टिक, गुणवत्ता के साथ उपलब्ध हो।
गृह मंत्री श्री बाला बच्चन ने कहा कि जेल अधीक्षकों की मांग पर जेलों में सुरक्षा प्रहरी 20-20 साल से एक ही स्थान पर जमे हुये है। उनके प्रस्ताव भेजे। उनके स्थानांतरण शासन स्तर से किये जावेंगे क्योंकि लम्बे समय सुरक्षा प्रहरी रहने से कैदियों से मेल-मिलाव बढ़ने से जेलों में विभिन्न प्रकार की घटनायें या जेल से कैदी भाग जाना, इस प्रकार की संख्याओं में इजाफा होता है।
बैठक में समस्त जेल अधीक्षकों ने कहा कि सुरक्षा प्रहरी में महिलाओं की पद स्थापना कम की जाये, क्योंकि महिला सुरक्षा प्रहरी कैदियों के साथ बैरिंग में या अन्य कार्य के लिये ड्यूटी लगाना संभव नहीं है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुये जेल पर सुरक्षा स्टॉफ की कमी हमेशा खलती है। इस पर गृह मंत्री ने प्रस्ताव शासन स्तर पर रखने की बात कही।
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