कैलारश शुगर मिल पुनः प्रारंभ करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
कैलारश शुगर मिल पुनः प्रारंभ करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
मुरेना- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कैलारस शुगर मिल को पुनः संचालित करने के लिए पत्र लिखा है, पत्र में श्री सिंधिया ने अनुरोध किया है कि जैसा कि आपको विदित है कि पांच दशक पूर्व मुरैना जिले के कैलारस नगर में शुगर मिल की स्थापना ग्वालियर- चंबल अंचल के गन्ना उत्पादक किसानों को ध्यान में रखकर की गई थी। उक्त शुगर मिल मुरैना एवं इसके आस-पास के जिलों के किसानों के लिए जीवनरेखा के समान थी।
लेकिन विगत 15 वर्ष के भाजपा शासन के दरम्यान कुप्रबंधन के चलते 2008- 09 में उक्त मिल को घाटे में बताकर बंद कर दिया गया। खेद का विषय है कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर, भिंड आदि जिलों के हजारों गन्ना उत्पादक किसानों एवं कैलारस शुगर मिल में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों के भविष्य की चिंता किए बगैर मिल को बंद करने का निर्णय ले लिया, जो कि किसानों एवं कर्मचारियों के साथ सरासर अन्याय था। कैलारस शुगर मिल का एक गौरवपूर्ण इतिहास है, ये मिल केवल कैलारस, जौरा, मुरैना की के गन्ना किसानों की जीवनरेखा नहीं है बल्कि डबरा शुगर मिल बंद होने के बाद ग्वालियर, दतिया एवं भिंड जिले के गन्ना उत्पादक किसानों के लिए भी अति महत्वपूर्ण है।
2018 के विधानसभा चुनाव में कैलारस शुगर मिल को पुनः प्रारंभ कराना हमारा प्रमुख वचन था, मुरैना जिले की सभी 6 विधानसभा सीटें कांग्रेस को जिताकर जिले की जनता ने हमें भरपूर आशीर्वाद दिया, आज हमारा नैतिक दायित्व है कि हम जन आकांक्षाओं का ध्यान रखते हुए कैलारस शुगर मिल को प्रारंभ करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं।
जैसा कि ज्ञात हुआ है कि वर्तमान में लगभग 29 करोड़ की राशि मिल प्रबंधन पर तमाम देनदारियों के रूप में बकाया है, जिसका भुगतान होना है। उक्त शुगर मिल के संचालन के लिए आवश्यक हो गया है कि मप्र सरकार उक्त राशि अनुदान के रूप में मिल प्रबंधन को प्रदान करे। इसके बाद मिल को पीपीपी मोड पर या पूर्व के अनुरूप सहकारिता के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मुरैना जिले के साथ ही ग्वालियर-चंबल अंचल के लाखों गन्ना उत्पादक किसानों एवं मिल के कर्मचारियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए उक्त दिशा में सकारात्मक निर्णय लेकर आप अनुग्रहीत करेंगे।
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