जौरा नगर में बेखौफ मिला रहे रंगीन जहर, पांच साल में सिर्फ नाम मात्र के प्रकरण दर्ज 26 जनवरी को बेचे जाएंगे-प्रशासन मोन

बेखौफ मिला रहे रंगीन जहर, पांच साल में सिर्फ नाम मात्र के प्रकरण दर्ज



खाद्य साम्रगी में केमिकल युक्त अखाद्य रंग मिलाने का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। अमानक रंग मिलाकर जलेबी, लड्डू और अन्य खाद्य पदार्थ खूब बेचे जा रहे हैं। फल, मिठाई, मसाले, मेवा व खाद्य पदार्थों का धंधा करने वाले कारोबारी अपने फायदे के लिए केमिकल युक्त रंग मिलाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे कारोबारियों के खिलाफ खाद्य विभाग ने पांच साल में नाम मात्र के प्रकरण कोर्ट में दर्ज करवाए हैं। इन मामलों का निर्णय अभी लंबित है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अमानक रंग मानव शरीर के लिए हानिकारक हैं। वह कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।


बीमारियों का गंभीर खतरा


डॉ. हेमन्त जैन का कहना है कि मिठाइयों में केमिकल और कलर का उपयोग होता है। इससे पेट, किडनी और लिवर में विकार होता है। अधिक रंगीन मिठाइयों से कैंसर का रोग होने का खतरा रहता है। गाढ़े पीले रंग की मिठाई में औरामिन के मिश्रण की संभावना होती है। इसके उपयोग से शरीर के विकास पर असर पड़ता है, लिवर-किडनी को नुकसान होता है। गुलाब जामुन, रसगुल्ला, बर्फी, सोन पापड़ी, लड्डू, मिल्क केक जैसी मिठाइयां कई दिन पहले से तैयार कर ली जाती हैं। इससे भी काफी नुकसान होता है।



इनमें ज्याद मिला रहे केमिकल


जलेबी, बूंदी के लड्डू में सबसे ज्यादा रंगों का उपयोग किया जाता है। इनमें मिलाने वाले रंगों का मानक तय नहीं है इसलिए नुकसानदायक हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में विभिन्न स्थानों पर लगने वाले ठेलों में अमानक रंग का उपयोग किया जा रहा है। इसकी शिकायत लगातार आ रही है।


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