शासकीय दुकाने गरीबों के राशन पर डाल रहे डाका  दिव्यांग और बेसहारा को नहीं मिल रहा पीएम अन्न धन योजना का लाभ

शासकीय दुकाने गरीबों के राशन पर डाल रहे डाका 
दिव्यांग और बेसहारा को नहीं मिल रहा पीएम अन्न धन योजना का लाभ


जौरा अरविन्दो एक्सप्रेस


कोरोना वायरस संकट के कारण देश में लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन 1.0 को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत दिवस को विशेष आर्थिक पैकेज का एलान किया था इसके तहत 80 करोड़ ग़रीबों को अगले तीन महीने तक मुफ़्त आटा या चावल और एक किलो दाल देने की घोषणा की गई थी ऐसे में जब कोरोनावायरस की वजह से पूरी मानवता पर संकट छाया हुआ है और ख़रब से ज़्यादा कि आबादी को घर में रहने को कहा गया है, भारत में ज़्यादातर राज्य और केंंद्र शासित प्रदेश लॉकडाउन की स्थिति में हैं. राहत की बात ये है कि ऐसी स्थिति में राज्यों ने अपने लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है 


जौरा नगर में दिव्यांग और बेसहारा को नहीं मिल रहा पीएम अन्न धन योजना का लाभ


लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही केंद्र सरकार ने गरीबों, मजदूरों को विभिन्न सहायता योजना शुरू की। इन्हीं योजनाओं के क्रम में ही पीएम अन्न धन योजना सभी गरीबों के लिए लागू की गई है।


उपरोक्त योजना में पंजीकृत मजदूर, बीपीएल, अन्त्योदय कार्डधारक होना जरूरी नहीं है। लेकिन जौरा के अधिकतर वार्ड में अधिकतर शासकीय उचित की दुकान मनमानी कर रहा है जौरा नगर एसडीएम कार्यालय के गेट के बाहर लोगो का गुस्सा फूट पड़ा इन लोगो ने बताया कि एसडीएम कार्यालय के 3 दिन से चक्कर लगा रहे है मुख्य गेट से अंदर मिलने नही दिया जा रहा है इस लिए हमलोग चक्कर लगा कर घर चले जाते है


जौरा नगर के कुछ वार्ड में कंट्रोल की दुकानों पर हो रही है मनमानी


एसडीएम कार्यालय के गेट पर खड़े अधिकतर लोगों ने बताया कि शासन से मिलने बाली योजनाओ का लाभ हम लोगो को नही मिल पा रहा है कंट्रोल की दुकानों पर चक्कर लगाते लगाते थक गये है ये लोग हमें बहा से भगा देते है कुछ लोगो ने बताया कि मेरे पास राशन कार्ड है फिर भी राशन देने से मना कर रहे है एक नए बताया कि हम लोग जौरा के निवासी है काम धंधा लॉक डाउन के चलते बंद है उसकी मां भी बेसहारा है, खाद्यान्न सूची से नाम गायब होने से अब तक सरकारी राशन की दुकान से कुछ नहीं मिल सका। इसी तरह  41 वर्षीया एक महिला दिव्यांग हैं इन सभी को केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सका है, जबकि शासन का निर्देश है कि जिनके राशन कार्ड नहीं हैं, उनका भौतिक सत्यापन कर पात्र हो तो उन्हें निर्धारित खाद्य योजना का लाभ दिया जाना चाहिए


शासकीय दुकाने गरीबों के राशन पर डाल रहे डाका


कोरोना काल में चलाए जा रहे राहत कार्यों में कुछ शासकीय दुकान ने मनमानी करनी शुरू कर दी है। जौरा मुख्यालय में ही गरीबों के मुफ्त राशन वितरण में एक शासकीय दुकानदार खुलेआम कटौती कर रहा है। आरोप है कि जौरा के दूर-दराज इलाकों में तो जमकर मनमानी हो रही है


कुछ कंट्रोल की दुकान दे रहे है कम तोल


लॉकडाउन में सरकार ने गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए मुफ्त चावल वितरण शुरू कर दिया है। शासन के निर्देश पर प्रत्येक राशन कार्ड में प्रति यूनिट पांच किलो की दर से मुफ्त चावल वितरण शुरू हुआ जौरा शहर के एक उपभोक्ताओं ने बताया कि राशन की दुकानों पर पूरी तोल नही मिल रही है कुछ दुकानदार तो अभी भी इलेक्ट्रॉनिक काटे से नही तोल रहे है ऐसे लोग अभी भी पुराने काटे से तोल कर रहे है यहां ही नहीं कई राशन की दुकानों में इस प्रकार की मनमानी की शिकायतें सामने आ रही हैं। निगरानी में लगे नोडल अधिकारियों के लिए यह हालात चुनौती हैं


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